राम नाम सहज है...

 ऐसे करे श्रीराम की पूजा-अर्चना

चैत्र शुक्ल नवमी को ‘श्रीरामनवमी’ का व्रत होता है. ‘अगस्त्य संहिता’ के अनुसार, यह व्रत मध्याह्नव्यापिनी दशमीविद्धा नवमी को करना चाहिए. यह चैत्र शुक्ल पक्ष की मध्याह्न से शुरू होने वाली दशमीयुक्त नवमी तिथि व्रत के लिये अत्यंत शुभ है. यदि उस दिन पुनर्वसु नक्षत्र का योग भी हो जाए, (सौभाग्य से इस वर्ष आठ अप्रैल के दिन चैत्र शुक्ल नवमी-दशमी तथा पुनर्वसु नक्षत्र का शुभ योग बन रहा है) तो वह अतिशय पुण्यदायिनी होता है. नवमी को व्रत-उपवास करके दशमी के दिन पारण करने की शास्त्राज्ञा है.

 
 
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